इस चुनावाें में जनता के सामने अनेक गंभीर प्रश्न है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण इस देश की मूल संवैधानिक मंशा है संविधान के मूलभूत तत्वाें की सुरक्षा काल के इस माेड पर देश वासियाें के लिए सबसे बडी चिंता का विषय है । अन्य विषयाें पर भी सामान्य जनता बहुत परेशान है – बढती बेराेजगारी, गरीबाें और अमीराें के बीच में बढती असमानता विभिन्न समाजाें और धर्माें के बीच में बढती दूरियां, नफरत के नशे में पागल हाेते हैं देश के नाैजवान , झूठ और अफवाहाें से भरा देश का मीडिया, सरकारी एजेंसियाें का गलत इस्तेमाल, तानाशाही के तरफ बढते राजनेताओं के लक्षण, झूठे स्टॅटिस्टिक और झूठे सर्वे के आधार पर जनता काे दिलासा दिलाने वाली सरकारे। यह सब प्रश्न जनता के सामने प्रमुख समस्या के ताैर पर खडे है । समाज की इन समस्याओं से लडने के लिए असल में ताे सरकार काे अपनी मंशा में परिवर्तन करने की आवश्यकता है सरकार केवल बहुमत या किसी अंधविश्वास और अपना फैसला ना लें बल्कि न्याय और समानता यह प्रशासन का मूल तत्व हाेना चाहिए इसके लिए अब इस सरकार से कुछ भी हाे पाना हमें असंभव लगता है इसलिए सरकार क्या करे इस पर सबसे उचित उत्तर यही हाेगा कि इस मानसिकता के लाेग सरकार से हट जाए ।
जनता ने अपना वाेट कुत्सित विचारधारा और घटिया मानसिकता के लाेगाें काे बदलने के लिए देना चाहिये लिए अभी सबसे महत्वपूर्ण किस पार्टी काे वाेट देनेसे ज्ङ्मादा स्पष्ट इससे पार्टी काे वाेट नहीं देना यह भूमिका है अतः मुझे लगता है कि संविधान विराेधी मानसिकता, समानता विराेधी मानसिकता, लाेकतंत्र विराेधी मानसिकता और न्याय विराेधी मानसिकता काे समाप्त करने के लिए सबसे नजदीकी पार्टी जो भी हो उसी को वोट देना चाहिए ।
–डॉ. अन्वर सिद्दीकी
मुस्लिम लेखक आणि विमवचारवंत