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चौंका देने वाला नतीजा

अब्दुल गफुर पाशा ( कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष )

महाराष्ट्र विधानसभा २०२४ के चुनाव नतीजों ने सभी को चौका दिया जहां एक ओर महायुति गठबंधन ने अप्रत्यक्ष जीत हासिल की वही महाविकास आघाड़ी को अपना अस्तित्व तलाश करने पर मजबूर कर दिया इन नतीजों ने इस राज्य में भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार जैसे कद्दावर नेतृत्व को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा किया वही जिस शिवसेना के सहारे राज्य में अपनी पहचान बनाने वाले दल ने शिवसेना को हाशिए पर ला खड़ा किया और कांग्रेस जैसे बुनियादी राजनीतिक दल को कही का नहीं रखा वही भारतीय जनता पार्टी जिसके कार्यकुशलता को नकारना अब किसी के लिए आसान नहीं रहा और उनसे जुड़ी शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) को भी भाजपा ने परवान चढ़ा दिया इस राजनीतिक उलट फेर को आसानी से नहीं लिया जाना चाहिए कैसे इस राज्य में लंबे समय से राज करने वाले दलों की स्थिती आज नगण्य सी रह गई है, इस अप्रत्याशय जीत का श्रेय किसे जाना चाहिए इन बातों पर अब विचार करने का समय आ गया हैें

इस चुनाव में जो सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बात ये रही कि, भाजपा का मतदाता बहुत ही संयमित नजर आया उस दल के किसी भी मतदाता ने व्यक्ती या उम्मीदवार को नहीं देखा उसने सिर्फ दल को और दल चीन्ह को ही देखा और मतदान करके भाजपा को इस राज्य का सबसे बड़ा दल बना दियों दूसरी ओर महायुति गठबंधन में शामिल दोनों दलों के लिए उनके मतदाता का समर्पण आश्चर्य में डाल देता हैें अब इस रणनीति के पीछे के सूत्र को भी समझना जरूरी हैें इन सबके पीछे पर्दे की आड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वो कैडर है जो लंबे समय से राज्य के इस चुनाव की जो तैयारी कर रहा था आम जनता तक संघ के कार्यों के माध्यम से भाजपा की नीतियों को पहुंचा रहा था, जिसका नतीजा इस चुनाव में देखने को मिला उसके विपरीत अन्य राजनीतिक दल अपनी गलतफहमी का शिकार हो गऐ अन्य दल इस गलतफहमी में रह गए की, जनता राज्य की सत्ताधारी सरकार से नाराज है और उसका सीधा फायदा विपक्षी दलों को मिलेगा परंतु ऐसा हुआ नहीेंं साथ ही लाडली बहन योजना ने महिला मतदाता को सीधे महायुति गठबंधन के साथ जोड़ दिया जिसका नतीजा महायुतति गठबंधन में शामिल तीनों दलों का वोट प्रतिशत में वृद्धी देखी जा सकती हैें

यदि भविष्य में विपक्षी दलों को राजनीतिक अस्तित्व बचाए रखना है, तो उन्हें जमीनी स्तर कार्य करना होगों जिस तरह से संघ ने इस चुनाव में कार्य के माध्यम से भाजपा और महायुति को अपार जीत दिलाकर दिखाया हैें.

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